वो दिन - दिन नहीं वो रात - रात नहीं,
वो पल - पल नहीं, जिस पल आपसे बात नहीं
आपकी यादो से मौत हमें अलग कर सके,
मौत की भी इतनी औकात नहीं
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही,
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही,
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो,
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही!
उदास नहीं होना, क्योंकि मैं साथ हूँ,
सामने न सही पर आस-पास हूँ,
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे,
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं!
गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत!
हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!
ए खुदा तू इश्क़ ना करना,
वरना खूब पछताओगे
हम तो मर के तेरे पास आते है,
लेकिन तुम कहाँ जाओगे,,
छीन लू तुझे दुनिया से,
ये मेरे इख्तियार मे नहीं,,
मगर मेरे दिल से कोई तुम्हे निकाल से,
ये किसी के बस की बात नहीं,,
दोस्त प्यार से भी बड़ा होता है,
हर सुख और गम मे साथ खड़ा होता है,,
तभी तो कृष्णा राधा के लिए नहीं सुदामा के लिए रोता है,
क्योंकि हर एक दोस्त जरुरी होता है
मेरी ज़िन्दगी से खेलना सबकी फितरत सी बन गई है, "काश "!!! की मै खिलौना बन कर बिकता तो आज किसी का हो तो जाता !
प्यार करने की अपनी एक रीत है,
प्यार का दूसरा नाम प्रीत है,,
इसलिए try मारो हर एक लड़की पर,
क्योंकि डर के आगे जीत है
गुजरी हुई जिंदगी कभी याद ना कर,
लिखा है जो नसीब मे फरियाद ना कर,,
जो होना होगा वो हो कर ही रहेगा,
इसकी फ़िक्र मे तू कीमती हंसी बर्बाद ना कर,
तकदीर के आगे किसी की नहीं चलती,
जिसकी चाहत हो बस वही नहीं मिलती,,
प्यार तो हर किसी को कही - न - कही जरूर होता है,,
पर जिस पे दिल आ जाए उसकी मुहब्बत नहीं मिलती,,
तेरी खुशियों को सजाना चाहता हूँ,
तुझे देख कर मरजाना चाहता हूँ,,
मेरी जिंदगी मे क्या अहमियत है तेरी,
ये लब्ज़ो मे नहीं पास आ कर बताना चाहता हूँ
कोई तीर जैसा जिगर के पार हुआ है,
जाने दिल क्यों इतना बेकरार हुआ है,,
कभी देखा नहीं मैंने तुझे फिर भी क्यों,
ए अजनबी इस कदर तुमसे प्यार हुआ है
कौन कहता है की मोहब्बत जुबां से होती है,
होंठो के बिना खुले ही हकीकत बयां होती है,, 7
इश्क़ वो खुदाई है मेरे दोस्त, जो लफ्ज़ो से नहीं,
आँखों से बयां होती है
किसी को टूट कर चाहने से कोई मोहब्बत नहीं होती,
उसे पाने की ख्वाहिश रखने से मोहब्बत नहीं होती,,
मोहब्बत तो दुनिया की वो अज़ीम चीज है,
जो किसी से एक बार हो जाए तो फिर किसी से नहीं होती
चांद चांदनी से होती है सितारों से नहीं मोहब्बत एक से होती हजारों से नहीं
दिन हुआ है तो रात भी होगी हो मत उदास कभी बात भी होगी इतने अच्छे से दोस्ती की है जिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी
सच्ची मोहब्बत मिलना भी तकदीर होती है बहुत कम लोगों के हाथों में यह लकीर होती है
ऐसा नहीं है कि दिन नहीं ढलता या रात नहीं होती सब अधूरा सा लगता है जब तुमसे बात नहीं होती
तेरे हर दुख को अपना बना लूं तेरे हर गम को दिल से लगा लूं मुझे करनी आती नहीं चोरी वरना मैं तेरी आंखों से हर आंसू चुरा लूं
हम वह नहीं जो मतलब से याद करते हैं हम वह हैं आप का पैगाम आए या ना आए हम रोज आपको दिल से याद करते हैं
नफरत मत करना हमसे हम सो नहीं पाएंगे बस प्यार से कह देना अच्छी नहीं फिर कभी नजर तक नहीं आएंगे
किसी लड़की को गर्लफ्रेंड तभी बनाओ जब आप उसे अपना पत्नी बनाने की हिम्मत रखते हो
बिकता अगर प्यार तो कौन नहीं खरीदता; बिकती अगर खुशियां तो कौन उसे बेचता; दर्द अगर बिकता तो हम आपसे खरीद लेते; और आपकी खुशियों के लिए हम खुद को बेच देते।
काश.. किसी खूबसूरत मौसम में... मेरी आँखों पे वो अपना हाथ रख दे... और हँसते हुए कह दे...!!! पहचान लो तो हम तुम्हारे... ना पहचानो तो तुम हमारे........ चलता रहूँगा मै पथ पर, चलने में माहिर बनजाउंगा.. या तो मंज़िल मिल जायेगी, या अच्छा मुसाफिर बन जाउंगा..
तुझे कोई और भी चाहे, इस बात से दिल थोडा थोडा जलता है, पर फखर है मुझे इस बात पे कि, हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है l
“जाम पे जाम पीनेसे क्या फायदा, शाम को पी सुबह उतर जाएगी, अरे दो बूंद मेरे प्यार की पीले, जिन्दगी सारी नशेमे गुज़र जाएगी”
तुझे कोई और भी चाहे, इस बात से दिल थोडा थोडा जलता है, पर फखर है मुझे इस बात पे कि, हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है
इन आँखों से तेरा अक्स मिटाने की कोशिश हर बार हुई इस दिल में तुझे भूल जाने की साजिश हर बार हुई..... मुहब्बत है ये मगर जो आँसुओं में भी धुल ना पाई...... तुझे खोकर भी, तुझे पाने की ख्वाहिश हर बार हुई
हर घड़ी, हर पल, हर लम्हा निगाहों में तेरा ही चेहरा रहता है तुम्हारे मौसम बदलते रहते हैं, हमारा वक्त ठहरा रहता है कैसे मिटा दें तेरा अक्स हम इन आँखों से हमारी तो धड़कनों पर भी तेरी यादों का पहरा रहता है...
इंसान” एक दुकान है, और ”जुबान”उसका ताला!! जब ताला खुलता है, तभी मालुम पड़ता है कि दूकान ‘सोने’ कि है, या ‘कोयले’ की!!
जब आप किसी को चाहो तो ऎ मत सोचो की, वो आप को पसंद करता है की नही, बस उसॆ इतना चाहो की उसॆ आप कॆ सिवा, किसी और की चाहत पसंद ही ना आए.
"वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं, ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं ये कुछ नही बस वक़्त का तक़ाज़ा है दोस्तो, कभी हम तो कभी आप बदल जाते हैं."
कभी हसता हुँ तो कभी रोता हुँ कभी हिम्मत दिखता हुँ कभी डरता हुँ कभी लड़ता हुँ सबसे कभी ऐसे ही डर जाता हुँ कभी होशियार बनता हुँ कभी बेवकुफो कि तरह बात करता हुँ कभी गाता हुँ कभी चुप हो जाता हुँ कभी याद करता हुँ तो कभी भूल जाता हुँ कभी गिरता हुँ तो कभी उठ भी ना पता हुँ कभी देखता हुँ दुनिआ को कभी आखें मूँद लेता हुँ कभी पागल बन जाता हुँ तो कभी मासूम बन जाता हुँ मै कभी कभी कुछ भी कर जाता हुँ हाँ कभी कभी कभी आसमान चूमना चाहता हुँ कभी ठोकर खा के गिर जाता हूँ
तेरी ख़ामोशी हमारी कमजोरी हैं, कह नहीं पाना हमारी मज़बूरी हैं, क्यों नहीं समझते हमारी खामोशियो को, खामोशियो को जुबा देना बहुत जरुरी है
उसने देखा ही नही अपनी हतेली को गोर से कभी, उसमे धुंदली सी एक लकीर मेरे नाम की थी !
किस तरह से हम आपको दुआ दे, जो आपके चहेरे पे स्माइल खिला दे, बस एक ही दुआ हे हमारी उस रब से, कि तारो कि रौशनी से वो आप कि किस्मत सजा दे
काश कोई हम पर प्यार जताता हमारी आंखों को अपने होंठों से छुपाता हम जब पूछते कौन हो तुम मुस्कुरा कर वो अपने आप को हमारीजान बताता।
ऐसा नहीं कि आप याद आते नहीं खता सिर्फ इतनी है कि हम बताते नहीं रिश्ता आपका अनमोल है हमारे लिये समझते हो आप इसलिये हम जताते नहीं
फूल से किसी ने पूछा तूने सबको खुशबू दी पर तुझे क्या मिला फूल ने कहा देना लेना तो व्यापार है, जो देकर कुछ ना मांगे, वो प्यार है!
हिम्मत ना हारिये, उस मालिक को न बिसारिये; मुश्किलों और कठिनाइयों का अगर करना है खात्मा; तो हर वक़्त कहते रहो तेरा शुक्र है परमात्मा, तेरा शुक्र है परमात्मा।
दोस्ती सुख और दुःख की पहचान होती है; दोस्ती दिल का सुकून और होठों की मुस्कान होती है; अगर रूठ भी गए हो तुम तो मनायेंगे हम; क्योंकि रूठना और मनाना ही दोस्ती की शान होती है।
दिलों के बीच दूरी से बड़ी दूरी नहीं होती गरीबी से बड़ी कोई भी मजबूरी नहीं होती कभी कोई सिकन्दर हो कि अफलातून ने चाही तमन्ना हर किसी की हर समय पूरी नहीं होती
बड़े ही संगदिल, खुदगर्ज़ कितने बेवफा निकले डुबोया है हमें मझदार कैसे नाखुदा निकले बड़ी उम्मीद से जिनको बनाया रहनुमा अपना वे सौदागर दिलों के कातिलो के देवता निकल
तमन्ना कोई दिल में हो सरे बाजार मत करना हो नफरत भी अगर दिल मे जुबां से वार मत करना है इक बाजार ये दुनियां यहा हर चीज बिकती है अगर हो प्यार तुमको प्यार का व्यापार मत करना
मुझे माफ़ कर मेरे हमसफ़र, तुझे चाहना मेरी भूल थी किसी राह पर यूँ ही एक नज़र, तुझे देखना मेरी भूल थी. कभी रात से, कभी शाम से, कभी अपने दिल के आवाज़ से कभी मालिक-ए-जहान से, तुझे माँगना मेरी भूल थी. तन्हा तन्हा रात भर, तुझे सोचता ही रहा मगर, न समझ सका ये दिल मेरा, यूँ तड़पना मेरी भूल थी. तेरी याद आई तो रो दिया, तुझे पा लिया तुझे खो दिया मुझे दुःख बस इतना हुआ, यूँ सिसकना मेरी भूल थी. मुझे माफ़ कर मेरे हमसफ़र, तुझे चाहना मेरी भूल थी...
था एक वक़्त हमें जब, गैरों में अपने दिखते थे; आज कुछ अपने भी, अजनबी लगते है; दूर नहीं वह दिन अब, जब हम शीशा देंखेगें; अपनी ही तश्वीर से, अपना ही पता पूछेंगे
इन आँखों से तेरा अक्स मिटाने की कोशिश हर बार हुई इस दिल में तुझे भूल जाने की साजिश हर बार हुई..... मुहब्बत है ये मगर जो आँसुओं में भी धुल ना पाई...... तुझे खोकर भी, तुझे पाने की ख्वाहिश हर बार हुई
हर घड़ी, हर पल, हर लम्हा निगाहों में तेरा ही चेहरा रहता है तुम्हारे मौसम बदलते रहते हैं, हमारा वक्त ठहरा रहता है कैसे मिटा दें तेरा अक्स हम इन आँखों से हमारी तो धड़कनों पर भी तेरी यादों का पहरा रहता है...
फिजाओं में रंग कुछ इस तरह मिल जाये कि मुरझाई हुई कलियाँ खिल जाये अबके सावन मिले हम एक दूजे से कुछ ऐसे कि मैं तुझमे घुल जाऊं, तू मुझमे घुल जाये
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